मलाइका अरोड़ा Malaika Arora ने किया पृथ्वी नमस्कार Prithvi Namaskar, 51 की उम्र में भी योगा Yoga से रखती खुद को फिट

 

Malaika Arora Prithvi Namaskar

बॉलीवुड एक्ट्रेस और सोशल मीडिया सेंशेसन मलाइका अरोड़ा  Malaika Arora  51 वर्ष की हो चुकी पर आज भी वो 25 से ज्यादा की नजर नही आती। खुद को फिट रखने के लिये वे सक्त अनुशसित जीवनशैली का फोलो करती वे नियमित तौर पर जिम जाकर वर्कआउट करती उनके जिम के बाहर की तस्वीरें और वीड़ियों अक्सर सोशल मीडिया में वायरल होती ही रहती हैद तो वही मलाइका अक्सर अपने सोशल मीडिया एकाउंट के अपने वर्कआउट और योग की मुद्राओं की तस्वीरें और वीड़ियों पोस्ट करती रहती है जिन्हें उनके फैन बहुत पंसद करतें है हॉल ही मलाइका ने अपने अधिकारिक इंस्टाग्राम में एक पोस्ट वीडियों साझा किया जिसमें वे पुथ्वी नमस्कार जो की योग मुद्रा है उनके सभी चरणों की पूरा करते नजर आ रही है  इस पोस्ट वे एक सिल्वर कलर की टॉप और शार्ट में नजर आ रही है 

तो आईये जानते है क्या होता है पुथ्वी नमस्कार Prithvi Namaskar योगा Yoga


Prithvi Namaskar पृथ्वी नमस्कार की विस्तृत विधि

इसमें आमतौर पर 12 चरण होते हैं, जिन्हें एक क्रम में किया जाता है। इसे धीरे-धीरे, ध्यानपूर्वक और श्वास पर नियंत्रण रखते हुए करना चाहिए।

1. प्रार्थना मुद्रा (Namaste)

  • सीधे खड़े हो जाएं, रीढ़ को सीधा रखें।
  • दोनों हाथ हृदय क्षेत्र के सामने जोड़ें (नमस्कार मुद्रा में)।
  • आँखें बंद करें और पृथ्वी माँ को प्रणाम करें।
  • श्वास: सामान्य

2. उर्ध्व हस्तासन (ऊपर उठे हुए हाथों की मुद्रा)

  • गहरी सांस लें और दोनों हाथों को ऊपर उठाएँ।
  • पीछे की ओर हल्का झुकें, छाती खोलें।
  • ध्यान पृथ्वी से प्राप्त ऊर्जा को शरीर में भरने पर रखें।
  • श्वास: अंदर लें (पूरक)

3. पादहस्तासन (हाथ-पैर स्पर्श मुद्रा)

  • सांस छोड़ते हुए धीरे-धीरे आगे झुकें।
  • हाथों से पैरों को स्पर्श करें या जहाँ तक संभव हो झुकें।
  • सिर घुटनों के पास लाएँ।
  • श्वास: बाहर छोड़ें (रेचक)

4. अश्व संचालासन (घोड़े की सवारी मुद्रा)

  • दाईं टांग को पीछे ले जाएं और बायां घुटना मोड़ें।
  • हथेलियाँ ज़मीन पर टिकी रहें।
  • गर्दन ऊपर उठाएँ और सामने देखें।
  • श्वास: अंदर लें (पूरक)

5. चतुरंग दंडासन (प्लैंक मुद्रा)

  • बाएँ पैर को भी पीछे ले जाएं और शरीर को एक सीधी रेखा में रखें।
  • कंधे, कोहनी और कलाई एक सीध में हों।
  • शरीर संतुलित और स्थिर होना चाहिए।
  • श्वास: बाहर छोड़ें (रेचक)

6. अष्टांग नमस्कार (आठ अंगों से प्रणाम)

  • घुटने, छाती, ठोड़ी और हथेलियों को ज़मीन पर टिकाएं।
  • कूल्हों को थोड़ा ऊपर रखें।
  • पूरी श्रद्धा से पृथ्वी को प्रणाम करें।
  • श्वास: सामान्य

7. भुजंगासन (सर्प मुद्रा)

  • शरीर को आगे बढ़ाएं और छाती उठाएं।
  • कोहनियाँ हल्की मुड़ी हुई हों।
  • सिर ऊपर उठाएँ और छत की ओर देखें।
  • श्वास: अंदर लें (पूरक)

8. अधोमुख श्वानासन (अवतल पर्वत मुद्रा)

  • शरीर को ऊपर उठाएं, हाथ और पैर सीधा करें।
  • शरीर एक उल्टे ‘V’ आकार में आ जाए।
  • एड़ियों को ज़मीन की ओर दबाएं।
  • श्वास: बाहर छोड़ें (रेचक)

9. अश्व संचालासन (फिर से घोड़े की सवारी मुद्रा)

  • दाएँ पैर को आगे लाएं, बायां पैर पीछे रखें।
  • हथेलियाँ ज़मीन पर टिकी रहें।
  • गर्दन ऊपर उठाएँ और सामने देखें।
  • श्वास: अंदर लें (पूरक)

10. पादहस्तासन (फिर से हाथ-पैर स्पर्श मुद्रा)

  • बाएँ पैर को भी आगे लाएँ और सीधे खड़े होकर पैरों को छुएं।
  • सिर घुटनों के पास लाएँ।
  • श्वास: बाहर छोड़ें (रेचक)

11. उर्ध्व हस्तासन (फिर से ऊपर उठे हुए हाथों की मुद्रा)

  • गहरी सांस लें और दोनों हाथों को ऊपर उठाएँ।
  • हल्का पीछे झुकें, छाती खोलें।
  • श्वास: अंदर लें (पूरक)

12. प्रार्थना मुद्रा (समाप्ति)

  • वापस सीधा खड़े हों और हाथों को हृदय के सामने जोड़ें।
  • आँखें बंद करें और पृथ्वी माँ का धन्यवाद करें।
  • श्वास: सामान्य

🌱 पृथ्वी नमस्कार के लाभ

मानसिक शांति: यह अभ्यास तनाव को कम करता है और ध्यान को बढ़ाता है।
शारीरिक संतुलन: शरीर की स्थिरता और लचीलापन बढ़ाता है।
जोड़ों और मांसपेशियों के लिए लाभकारी: रीढ़, पैरों और कंधों की ताकत को बढ़ाता है।
पाचन में सुधार: आंतरिक अंगों की मालिश करता है और पाचन क्रिया को बेहतर बनाता है।
पृथ्वी से गहरा संबंध: हमें प्रकृति से जोड़ता है और आभार प्रकट करने की भावना जागृत करता है।


🌞 कौन कर सकता है और सावधानियां

सभी लोग कर सकते हैं, लेकिन जिनको पीठ दर्द, उच्च रक्तचाप या हाल ही में कोई चोट लगी हो, वे इसे धीरे-धीरे करें या डॉक्टर की सलाह लें।
✅ गर्भवती महिलाओं को विशेष ध्यान रखना चाहिए और हल्के रूप में इसे करना चाहिए।
✅ इसे सुबह खाली पेट करना सबसे अच्छा होता है।





Post a Comment

Previous Post Next Post