योजना के अंतर्गत 4.32 लाख लाभार्थियों को कौशल प्रदान किया गया (74% को रोजगार मिला)
88% से अधिक लाभार्थी महिलाएं हैं
दिल्ली 23.05.25। केंद्रीय कपड़ा मंत्री श्री गिरिराज सिंह ने आज समर्थ योजना के तहत उद्योग भागीदारों और लाभार्थियों के साथ बातचीत की। केंद्रीय मंत्री ने समर्थ योजना के तहत हथकरघा, हस्तशिल्प, जूट और रेशम सहित विभिन्न क्षेत्रों के लाभार्थियों के साथ बातचीत की और लाभार्थियों ने उनके साथ योजना से मिले लाभों पर अपने अनुभव साझा किए जिससे उनकी आजीविका को मजबूती मिल रही है। बातचीत के दौरान लाभार्थियों और उद्योग भागीदारों ने केंद्रीय मंत्री को योजना के प्रभाव और सफलता की कहानियाँ साझा कीं।
केंद्रीय मंत्री ने कपड़ा क्षेत्र को भारत में सबसे बड़े रोजगार सृजन क्षेत्रों में से एक बताते हुए इसके महत्व पर प्रकाश डाला और समर्थ योजना सहित कपड़ा मंत्रालय की विभिन्न योजनाओं के माध्यम से प्रदान किए जा रहे लाभों के बारे में बताया। बातचीत के दौरान उद्योग प्रतिनिधियों ने समर्थ योजना की वर्तमान स्थिति पर अपने विचार रखे, जिसमें चुनौतियों का समाधान, विकास की संभावनाएं और भारत को वस्त्रों का वैश्विक केंद्र बनाने के लिए कुशल जनशक्ति के लिए उपलब्ध अवसर शामिल थे।
समर्थ योजना के तहत अब तक 4.32 लाख लाभार्थियों को प्रशिक्षित किया गया है, 3.20 लाख को रोज़गार मिला है, जिसमें 88% लाभार्थी महिलाएं हैं। कपड़ा उत्पादन, शिल्प कौशल और नवाचार में महिलाओं को सशक्त बनाकर यह योजना लैंगिक-समावेशी विकास को बढ़ावा दे रही है। यह योजना पूरे भारत में फैली हुई है, जिससे जम्मू और कश्मीर से लेकर अंडमान और निकोबार द्वीप समूह तक कौशल विकास सुलभ हो गया है। सरकार का ध्यान कपड़ा निर्माण बढ़ाने, बुनियादी ढांचे के आधुनिकीकरण, कुशल जनशक्ति के माध्यम से नवाचार उन्नयन प्रौद्योगिकी को बढ़ावा देने पर है, जिससे वैश्विक कपड़ा केंद्र के रूप में भारत की स्थिति मजबूत होगी।
समर्थ योजना - वस्त्र क्षेत्र में क्षमता निर्माण के लिए एक मांग-संचालित, रोज़गार - उन्मुख कौशल पहल है जो कार्यबल सशक्तिकरण विकसित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। समर्थ का उद्देश्य संगठित वस्त्र और संबंधित क्षेत्रों में रोजगार सृजन में उद्योग के प्रयासों को प्रोत्साहित करना और पूरक बनाना है, जिसमें कताई और बुनाई को छोड़कर वस्त्रों की संपूर्ण मूल्य श्रृंखला शामिल है।(PIB)